गुरुवार, ९ नोव्हेंबर, २०१७

''का"? *********

''का"?                         
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सेवा भाया ,                                  

तू आयीस 

अन् मन कांईतरी किस 

आसी

तार वाटच म देखते कोनी .

का ?

बापु तू एक वणा आवगो ,

अन् मन केन चलोगो.

'जाणेस ,

छाणेस, 

पचज मानेस करन ' 

तूच कगो भाया 'गोरगरिबेन

दांडन मत खायेस करन'. 

मोतीवाळो , 

तूच सिकायो मन

सोतार वळख सोता करदेस करन,

अन तूच केगोछी मन , 

करणी करेर सिक,

सेन साई वेस करन . 

आब तूच क बापू ये 

से वातं तू मन शिकागोछी, 

अन तू

मारे माथेम बेसो छी , 

म तार 'वातेप चालरोछू.

तो म " वाट" का देखु तार

' सेवाभाया तूच मन केमेलो छी ,

'मारी शिकवाडी पर

धेन देस करन.

केसुला नांई मोरीस करन.

पच का, म तार वाट देखु?

तू मार कनज छी नी !

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*****शब्द रचना:-
ekgof2015@gmail.com            एकनाथ गोफणे ८२७५७२५४२३

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गोरबोली भाषा .. कविता.

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